सावन में महादेव को दूध चढ़ाना चाहिए या नहीं ? क्या है रहस्य ?

 kya mahadev - shiv -shivling  ko savan me dudh chadhana chahiye ya nahi ? mahadev ko dudh chadhane ke kya fayade hai aur kya nuksan hai ? kya ye sach hai ki mahadev ko dudh chadhane ki bajay bachho ko diya jaye ?

जैसे सावन का महीना आता  चर्चा जोर पकड़ती है. Facebook , twitter पर ये मेसेज वायरल होते है की महादेव - शिवजी को दूध चढाने की जगह भूखे - बच्चो को दूध देना चाहिए।  बड़े बड़े विचारक कुछ भी सोचे समजे बिना अपने मंतव्य  दे जाते है. और खुद को महाज्ञानी समजने लगते है. हिन्दू धर्म सनातन धर्म है. उसकी परम्पराए हमने नहीं हमारे दिज्ज्ज रूषीओ ने दी है. जोभी दिया है कुछ सोच समजकर दिया होगा. और आज हम अपने विचार उसपे थोप देते है. हम आपको महादेव को दूध चढ़ाना - ना चढ़ाना ? के बारे में तात्पर्य दे रहे है. आप इस चीज को समज जायेंगे. और ये बात facebook - whatsapp पर शेयर करके  सभी हिन्दू तक पहुंचाएंगे. 

क्या अफवाह फेलाई जाती है ?

आजकल प्रतिदिन संदेश आ रहे हैं कि महादेव को दूध की कुछ बूंदें चढाकर शेष निर्धन बच्चों को दे दिया जाए। सुनने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन हर हिन्दू त्योहार पर ऐसे संदेश पढ़कर थोड़ा दुख होता है। दीवाली पर पटाखे ना चलाएं, होली में रंग और गुलाल ना खरीदें, सावन में दूध ना चढ़ाएं, उस पैसे से गरीबों की मदद करें।

सावन में महादेव को दूध चढ़ाना चाहिए या नहीं ?

हम सब प्रतिदिन दूध पीते हैं तब तो हमें कभी ये ख्याल नहीं आया कि लाखों गरीब बच्चे दूध के बिना जी रहे हैं। अगर दान करना ही है तो अपने हिस्से के दूध का दान करिए और वर्ष भर करिए। कौन मना कर रहा है। शंकर जी के हिस्से का दूध ही क्यों दान करना?

आप अपने व्यसन का दान कीजिये दिन भर में जो आप सिगरेट, पान-मसाला, शराब, मांस अथवा किसी और क्रिया में जो पैसे खर्च करते हैं उसको बंद कर के गरीब को दान कीजिये | इससे आपको दान के लाभ के साथ साथ स्वास्थ्य का भी लाभ होगा।

महादेव ने जगत कल्याण हेतु विषपान किया था इसलिए उनका अभिषेक दूध से किया जाता है। जिन महानुभावों के मन में अतिशय दया उत्पन्न हो रही है उनसे मेरा अनुरोध है कि एक महीना ही क्यों, वर्ष भर गरीब बच्चों को दूध का दान दें। घर में जितना भी दूध आता हो उसमें से ज्यादा नहीं सिर्फ आधा लीटर ही किसी निर्धन परिवार को दें। महादेव को जो 50 ग्राम दूध चढ़ाते हैं वो उन्हें ही चढ़ाएं।

!!ॐ नम: शिवाय !!

शिवलिंग की वैज्ञानिकता .... क्या है रहस्य ?


भारत का रेडियोएक्टिविटी मैप उठा लें, तब हैरान हो जायेगें ! भारत सरकार के नुक्लियर रिएक्टर के अलावा सभी ज्योतिर्लिंगों के स्थानों पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया जाता है।

शिवलिंग और कुछ नहीं बल्कि न्यूक्लियर रिएक्टर्स ही हैं, तभी तो उन पर जल चढ़ाया जाता है ताकि वो शांत रहे।

महादेव के सभी प्रिय पदार्थ जैसे किए बिल्व पत्र, आक, आकमद, धतूरा, गुड़हल, आदि सभी न्यूक्लिअर एनर्जी सोखने वाले है।

क्यूंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है इसीलिए तो जल निकासी नलिका को लांघा नहीं जाता।

भाभा एटॉमिक रिएक्टर का डिज़ाइन भी शिवलिंग की तरह ही है।

शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप ले लेता है।

तभी तो हमारे पूर्वज हम लोगों से कहते थे कि महादेव शिवशंकर अगर नाराज हो जाएंगे तो प्रलय आ जाएगी।

ध्यान दें, कि हमारी परम्पराओं के पीछे कितना गहन विज्ञान छिपा हुआ है।

जिस संस्कृति की कोख से हमने जन्म लिया है, वो तो चिर सनातन है।विज्ञान को परम्पराओं का जामा इसलिए पहनाया गया है ताकि वो प्रचलन बन जाए और हम भारतवासी सदा वैज्ञानिक जीवन जीते रहें।..

हो सके तो शेयर भी कर दें, दूसरे भक्त भी बाबा के दर्शन का आनंद ले पाएंगे. जय बाबा।

अपना व्यवहार बदलो हमारे धर्म को बदलने का प्रयास मत करे आप कोई नई मूवी आती हैं तो आप 200,300रु का टिकट बुक करा लेते है तब गरीब परिवार की याद नहीं आती
ॐ नम: शिवाय

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