Kabir ke Dohey Latest Of Whatsapp Status, SMS, Quotes
कबीर,औगुन किया तो बहु किया ,करत न मानी हार ।
भावै बंदा बखशियो ,भावै गरदन तार ।
कबीर, औगुन मेरे बापजी ,बखशोँ गरीब निवाज ,
जो मैँ पूत कपूक हूँ ,बहुर पिता को लाज ।।
कबीर,मैँ अपराधी जन्मका ,नख शिख भरे बिकार ,
तुम दाता दुख भंजना ,मेरी करो संभार ।।
कबीर ,जीवित मृतक होये रहो, तजो खलक की आस ।
रक्षक समर्थ सतगुरु , ना दुःख पावे दास ।।
कबीर, राम नाम रटते रहो जब लग घट मेँ प्राण ,
कबहू तो भनक पड़ेगी, दीन दयाल के कान ।।
कबीर , गहै नाम सेवा करै , सतनाम गुण गावै ।
सतगुरु पद विश्वास दृढ़ , सहज परम पद पावै ।।
कबीर,साथी हमारे चले गऐ हम भी चालन हार ,
कोऐ कागज बाकी रह रही ताते लागरी वार ।।
कबीर, राम बुलावा भेजया दिया कबीरा रोये ।
जो सुख है सतसंग वो बेकूँठ(स्वर्ग) भी ना ।
कबीरन् कुरान कह समझावा ।
वाही नाम है सबन का सारा, आदि नाम वाही कबीर हमारा।।
कबीर , सतगुरु के द्वारबार मेँ कमी काहे की नाहीँ ।
हँसा मौज ना पावता तेरी चूक चाकरी माही ।।
कबीर,सहकामी भक्ति करै ,पावै उत्तम धाम ।
निहकामी भक्ति करै तो ,पावै निश्चल ठाम ।।
गरीब ,जम जौरा जासे डरैँ ,मिटेँ कर्म के लेख ।
अदली असल कबीर हैँ , कुल के सतगुरु एक ।।
गरीब,ऐसा सतगुरु हम मिल्या ,है जिँदा जगदीश ।
सुन्न विदेशी मिल गया , छत्र मुकुट है शीश ।।
कबीर , द्वार धन्नी के पड़ा रहे , धक्केँ धन्नी के खाय ।
लाख बार काल झकझोँर ही,द्वार छोड़ कर ना जाय ।
कबीर, सत ना छोड़े सुरमा, सत छोड़े पत जा।
सत के बान्दी लक्ष्मी फेर मिलेगी आ ।
कबीर, कहते को कह जान देँ , गुरु की सिख तू लेय ।
साकट( दुष्ट) और सावान(कुत्ता) को उल्ट जवाब ना देय ।।
कबीर,जो जन मेरी शारन है , ताका हुँ मेँ दास ।
गेल गेल लाग्या फिरु चाहे धरती हो चाहे आकाश ।
कबीर, कहते को कह जान देँ , गुरु की सिख तू लेय ।
साकट( दुष्ट) और सावान(कुत्ता) को उल्ट जवाब ना देय ।।